Wednesday, March 4, 2015

होली की हार्दिक शुभकामनाएं !


इस होली में रंग लगाने,
दिल्ली से गांव को आया हूं।
लाया साड़ी और ब्लाउज,
लाली संग में लाया हूं।
 
मन में अपने सोच रहा था,
जमके रंग लगाऊंगा।
मस्ती में थोड़ा हो करके,
होली के गीत सुनाऊंगा।
ऐसा रंग चढ़ाऊंगा जो,
कभी उतर नहीं पाएगा।
सुन्दर-मुन्दर हुस्न तुम्हारा,
कभी नहीं मुरझाएगा।

बड़ी मिन्नतें की साहब से,
छुट्टी में जो आया हूं।
तेरे लिए गोरी श्रृंगार,
बहुत लाया हूं।

होली में रंग में रंग दूंगा,
याद हमारी आएगी।
हर पल याद करोगी हमको,
याद मेरी तड़पाएगी।

खा के भंगिया तोडू खटिया,
तू हाय-हाय चिल्लाएगी।
मम्मी-पापा, दीदी-भैया को,
अपने पास बुलाएगी।

पहली बार यहां पर धन्नो,
ऐसा उत्पात मचाया हूं।
तेरे लिए जानेमन,
सोलह सिंगार ले आया हूं।

No comments:

Post a Comment