Saturday, March 7, 2015

कुछ ग्यानवर्धक लाईने !

आज के जमाने में सत्संग उसी संत
का बढ़िया रहता है
जिसके पंडाल में गर्म पोहा-जलेबी और अदरक
वाली चाय मिले।
वरना ज्ञान तो अब वॉट्सएप पर भी बंटता है।
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जिस पुरुष ने आज के समय में बीवी, नौकरी,
कारोबार और स्मार्टफोन
के बीच में सामंजस्यबैठा लिया हो, वह पुरुष
नहीं महापुरुष कहलाता है!
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आज सबसे बड़ी कुर्बानी वह होती है, जब हम
अपना फोन चार्जिंग से निकाल कर किसी और
का फोन लगा दें!
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आसमान को छूने के लिऐ रॉकेट को भी बोतल
कि जरूरत पडती है।...........
तो फिर इंसान क्या चीजहै।
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आप कितने ही अच्छे काम कर लें,
लेकिन लोग उसे ही याद करते हैं, जो उधार लेकर
मरा हो।
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जब आप किसी चीज को पूरी शिद्दत से पाने
की ख्वाहिश या कोशिश करते हैं
तो वह चीज उसी शिद्दत से कुछ
ज्यादा ही एटीट्यूड दिखाने लगती है।

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