Sunday, February 22, 2015

Give Respect & be eligible for respect..!

                                          
एक बार
संख्या 9 ने 8 को थप्पड़ मारा
8 रोने लगा...
पूछा मुझे क्यों मारा..? 9 बोला...
मैं बड़ा हु इसीलिए मारा.. सुनते ही 8 ने 7 को मारा
और 9 वाली बात दोहरा दी 7 ने 6 को..
6 ने 5 को..
5 ने 4 को..
4 ने 3 को..
3 ने 2 को..
2 ने 1 को.. अब 1 किसको मारे
1 के निचे तो 0 था ! 1 ने उसे मारा नहीं
बल्कि प्यार से उठाया
और उसे अपनी बगल में
बैठा लिया जैसे ही बैठाया...
उसकी ताक़त 10 हो गयी..!    इसीलिए......
Give Respect & be eligible for respect..! 
जिन्दगीं में किसी का साथ काफी हैं,
कंधे पर किसी का हाथ काफी हैं,
दूर हो या पास.....क्या फर्क पड़ता हैं, 
"अनमोल रिश्तों" का तो बस 
"एहसास" 
ही काफी हैं 
.
.
.सुरेन्द्र कुमार मित्तल

No comments:

Post a Comment