एक फ्लैट में घंटी बजती है और महिला जो घर में अकेली है दरवाज़ा खोलती है ...
भिक्षुक:
"माई, भिक्षा दे।"
महिला:
"ले लो, महाराज .."
भिक्षुक:
"माई ... ज़रा यह द्वार पार करके बाहर तो आना।"
वह द्वार पार करके बाहर आती है।
भिक्षुक (उसे पकड़ते हुए ):
"हा .. हा ... हा ... मैं भिक्षुक नहीं, रावण हूं !"
महिला:
"हा .. हा .. हा ... मैं भी सीता नहीं, कामवाली बाई हूँ।"
रावण :
"हा..हा..हा.. सीता का अपहरण करके आज तक पछता रहा हूं, तुम्हें ले जाऊंगा तो मंदोदरी खुश हो जायेगी। मुझे भी कामवाली बाई की ही ज़रूरत है ..."
महिला :
"हा, हा, हा ... सीता को ढूंढने सिर्फ राम आऐ थे ...
मुझे ले जाओगे तो सारी बिल्डिंग ढूंढते पहुंच जाएगी।"
Happy Dashera
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