Thursday, October 22, 2015

Happy Dashera

एक फ्लैट में घंटी बजती है और महिला जो घर में अकेली है दरवाज़ा खोलती है ...

भिक्षुक:
"माई, भिक्षा दे।"

महिला:
"ले लो, महाराज .."

भिक्षुक:
"माई ... ज़रा यह द्वार पार करके बाहर तो आना।"

वह द्वार पार करके बाहर आती है।

भिक्षुक (उसे पकड़ते हुए ):
"हा .. हा ... हा ... मैं भिक्षुक नहीं, रावण हूं !"

महिला:
"हा .. हा .. हा ... मैं भी सीता नहीं, कामवाली बाई हूँ।" 

रावण :
"हा..हा..हा.. सीता का अपहरण करके आज तक पछता रहा हूं, तुम्हें ले जाऊंगा तो मंदोदरी खुश हो जायेगी। मुझे भी कामवाली बाई की ही ज़रूरत है ..."

महिला :
"हा, हा, हा ... सीता  को ढूंढने सिर्फ राम आऐ थे ...
मुझे  ले जाओगे तो  सारी  बिल्डिंग ढूंढते पहुंच  जाएगी।"
Happy Dashera

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