Tuesday, September 29, 2015

डॉक्टर शायरी के मूड में

एक दिन एक डॉक्टर शायरी के मूड में था। उसने मरीज को दवाई भी कुछ शायराना अंदाज में ही बताई...

- दिल बहला के मोहब्बत को ना धमाल करें।
सीरप को अच्छी तरह से हिलाकर इस्तेमाल करें॥

- दिल मेरा टूट गया उठी जब उसकी डोली।
सुबह दोपहर शाम बस एक-एक गोली॥

- लौट आओ कि मोहब्बत का सुरूर चखें।
तमाम दवाएं बच्चों की पहुंच से दूर रखें॥

- दिल मेरा इश्क़ करने पर रज़ामंद रहेगा।
रविवार के दिन अस्पताल बंद रहेगा॥

Monday, September 28, 2015

मधुमेह

संयोग

एक ही जैसे हैं मंदिर और मस्जिद गिराने वाले

अखंड भारत

धुम्रपान सेहत के लिए हानिकारक है ।

Folding E-Scooter

Sunday, September 27, 2015

हिन्दी किस तरह से हमारी ऊर्जा व समय बचाती है... 

In English:-

I am sorry, I can not hear u properly, can you please repeat what is the matter ???!!!

And Now see in Hindi..




                   ""हैं ??!!!""
             😱😜😀😂😝

आज के इस घुटन भरे माहौल में
...
...
...
सिर्फ कस्टमर केयर वाली ही है . . .
...
....
...
जो गरीब से गरीब आदमी से भी इज्ज़त से बात
करके बेचारों को VIP वाली फीलिंग देती है!!

In Barodas central mall   a person had samsung grand 2 mobile  in his shirt pocket , the mobile  blasted in his shirt pocket  and tore open his  chest and you can see his  heart pumping , so pls be careful  with  your mobiles

सैल्फी

वो छत पर खड़ी थी ।बाल खुले और बिखरे कभी मुँह इधर कभी उधर,
बार-बार सामने निहारती दिन दुनियाँ से बेखबर,g
मुझे बहुत दया आ रही थी।
इतनी कम उम्र में पागल होना ।पूरी जिंदगी पड़ी है। क्या होगा?कैसे होगा?
मुझे उसके पिता की चिंता सताने लगी।
बेचारा दिन रात मेहनत करके परिवार पालता है। ऊपर से इस पागल लड़की को कैसे सम्हालेगा?
धीरे-धीरे पागलपन और बढ़ गया ।अब तो वह मुंडेर पर बैठ गयी थी।
मै घबराया ,मैने अपनी बिटिया को बुलाया और अपनी चिंता से अवगत कराया ।
बिटिया बोली "पापा वो पागल नही है ,वो तो सैल्फी ले रही है"

व्यंग्य: एक डेंगू मच्छर का इंटरव्यू

व्यंग्य: एक डेंगू मच्छर का इंटरव्यू

दिल्ली में डेंगू का कहर मचाने वाले एक मच्छर ने अपना इंटरव्यू दिया है...अब इंटरव्यू मच्छर का है तो चर्चा तो होनी ही थी.

सवाल-आप महामारी क्यों फैला रहे है? आपका प्रकोप बढ़ता जा रहा है?

जवाब-जिसे आप प्रकोप कह रहे हैं, वो हमारी लोकप्रियता है. आज उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश और हरियाणा से दिल्ली तक हर शख्स डेंगू-डेंगू कर रहा है. हमारी लोकप्रियता का सेंसेक्स स्टॉक मार्केट से भी ऊपर है.

सवाल-लेकिन आप बीमारी फैला रहे हैं. ये अच्छी बात नहीं है.

जवाब-तुम इंसानों के यहां अभी भी स्कूलों में गीता पढ़ाने को लेकर विवाद है. लेकिन हमने पैदा होते ही गीता सार समझ लिया-कर्म कर फल की चिंता मत कर. तो हमारा पूरा समाज कर्म कर रहा है.

सवाल-लेकिन आप गरीबों को ज्यादा सताते हैं?

जवाब-ये निराधार आरोप है. डेंगू मच्छर धर्म निरपेक्ष, शर्म निरपेक्ष और शिकार निरपेक्ष है. हम न धर्म के आधार पर भेद करते हैं और न अमीर-गरीब देखकर डंक मारते हैं.

सवाल-डेंगू मच्छर इंसानों को मौत के मुंह में ले जा रहे हैं. आखिर आप साबित क्या करना चाहते हैं?

जवाब-मच्छर एक गाली हो गई है. मच्छर शब्द कमज़ोरी का प्रतीक बन गया है. और हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि कृपया मच्छर समाज को मच्छर न समझें. दुनिया में हर साल साढ़े सात लाख लोगों को मच्छर कम्यूनिटी ऊपर पहुंचकर बता रही है कि उन्हें सीरियसली लिया जाए. भारत में डेंगू मच्छर इस दिशा में सार्थक प्रयास कर रहे हैं और उन्हें खासी कामयाबी भी मिली है.

सवाल-लेकिन जान लेकर ही क्यों ?

जवाब-देखिए हमारा पहला मकसद लोगों को अस्पताल पहुंचाना ही होता है. हम दरअसल राष्ट्र की समृद्धि में योगदान भी देना चाहते हैं. क्योंकि पीड़ितों की वजह से अस्पतालों का, डॉक्टरों का, पैथोलोज़ी लैब का, दवाइयों की दुकानों का टर्नओवर बढ़ता है और इससे देश की जीडीपी में बढ़ोतरी होती है. लेकिन कुछ लोग चल बसते हैं तो उनकी अपनी गलती की वजह से. वक्त पर अस्पताल न पहुंचकर, खुद डॉक्टर बनकर और सुनी सुनाई बातों पर यकीन कर वे खुद अपनी जान लेते हैं. हमारा कोई दोष नहीं.

सवाल-आपने कहा कि आप अमीर-गरीब में फर्क नहीं करते. लेकिन डेंगू मच्छर कभी नेताओं को नहीं डसता. उन्हें कभी अस्पताल नहीं पहुंचाता?

जवाब-मैं शर्मिन्दा हूं. निश्चय ही आपका यह आरोप सही है कि हम नेताओं को नहीं काटते. दरअसल, बीते कई साल से हमारी कोर कमिटी इस बात पर बहस कर रही है लेकिन हर बार यही तय होता है कि राजनेताओं को काटने से हमें खुद डेंगू जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है. हो सकता है कि ऐसी कोई बीमारी हो जाए-जिसका इलाज ही ना हो. मैं सिर झुकाकर यह आरोप स्वीकार करता हूं.

सवाल-आखिरी सवाल, आपका प्रकोप 20 साल पहले तक नहीं था. कोई नहीं जानता था डेंगू को. अचानक कैसे आपका उदय हो गया?

जवाब-इंसान जब मच्छर जैसी हरकत करने लगा. गदंगी खुद फैलाए और नाम हमें धरने लगा. तो हमें भी लगा कि इंसानों को उनकी औकात बता दी जाए.
😎😎😁😄🐜🐜🐜🐜🐜🐜🐜🐜🐜🐜🐜🐜

डेंगू से कैसे करें बचाव

Saturday, September 26, 2015

ब्लड ग्रुप की तुलना

💉ब्लड ग्रुप की तुलना  💉

आपका ब्लड कौनसा है और उसकी उपलब्धता कितनी है?

O+       1 in 3        37.4%
(प्रचुरता में उपलब्ध)

A+        1 in 3        35.7%

B+        1 in 12       8.5%

AB+     1 in 29        3.4%

O-        1 in 15        6.6%

A-        1 in 16        6.3%

B-        1 in 67        1.5%

AB-     1 in 167        .6%
(दुर्लभ)

Compatible Blood Types

O-    ले सकता है      O-

O+   ले सकता है      O+, O-

A-    ले सकता है       A-, O-

A+ले सकता है A+, A-,O+,O-

B- ले सकता है  B-, O-

B+ ले सकता है B+,B-,O+,O-

AB-ले सकता है AB-,B-,A-,O-

AB+ ले सकता है  AB+, AB-, B+, B-, A+,  A-,  O+,  O-

ये एक महत्वपूर्ण मेसेज है जो किसी की जिंदगी बचा सकता है ..

2/10=2 ये हल करके दिखाओ .......

😃😒😜😞😀

आज  हरियाणा ने पूरे गणित का इतिहास हिला डाला...

जब  एक गणित के जानकार ने Exam मे ये पूँछा ......

2/10=2 ये हल करके दिखाओ  .......

भोपाल-
ये गलत  question है.....

महाराष्ट्र-
मुझे नही पता.......

पंजाबी-
तुम ही बताओ....... 

असम-
ये तो हो ही नही सकता.....

फिर एक हरयाणवी  ने हल किया  

हरियाणवी  बाबू ::::


2/10


Two / Ten

=  wo / en (T से T cancel)

w = 23 (abc) का  23 वा शब्द
o = 15   वा शब्द

e = 5    वा शब्द

n = 14  वा शब्द

तो  23+15 / 5+14

= 38 / 19

= 2

बस फिर क्या था
सवाल पुछने वाला कोमा मे ।

स्कूल मे भी तूफ़ानी

अध्यापक -छात्र से -'बताओ तुम इतिहास पुरूष मॆ सब से
ज्यादा किससे नफरत करते हो
बच्चा राजा राम मोहन राय से
अध्यापक - क्यू ??

बच्चा - उसी नें बाल विवाह बँद करवाया था वरना आज
हम भी बीवी बच्चे वाले होते !

नाथूराम का अंतिम भाषण “मैंने गांधी को क्यों मारा”

60 साल तक भारत में प्रतिबंधित रहा नाथूराम का अंतिम भाषण "मैंने गांधी को क्यों मारा"

अपने मित्रों को बतायें अपने मित्रों को बतायें अपने मित्रों को बतायें 

 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोड़से ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी लेकिन नाथूराम गोड़से घटना स्थल से फरार नही हुआ बल्कि उसने आत्मसमर्पण कर दिया | नाथूराम गोड़से समेत 17 अभियुक्तों पर गांधी जी की हत्या का मुकदमा चलाया गया | इस मुकदमे की सुनवाई के दरम्यान न्यायमूर्ति खोसला से नाथूराम ने अपना वक्तव्य स्वयं पढ़ कर जनता को सुनाने की अनुमति माँगी थी जिसे न्यायमूर्ति ने स्वीकार कर लिया था | हालाँकि सरकार ने नाथूराम के इस वक्तव्य पर प्रतिबन्ध लगा दिया था लेकिन नाथूराम के छोटे भाई और गांधी जी की हत्या के सह-अभियोगी गोपाल गोड़से ने 60 साल की लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद सुप्रीम कोर्ट में विजय प्राप्त की और नाथूराम का वक्तव्य प्रकाशित किया गया | नाथूराम गोड़से ने गांधी हत्या के पक्ष में अपनी 150 दलीलें न्यायलय के समक्ष प्रस्तुति की | देसी लुटियंस पेश करते है "नाथूराम गोड़से के वक्तव्य के मुख्य अंश"

1. नाथूराम का विचार था कि गांधी जी की अहिंसा हिन्दुओं को कायर बना देगी |कानपुर में गणेश शंकर विद्यार्थी को मुसलमानों ने निर्दयता से मार दिया था महात्मा गांधी सभी हिन्दुओं से गणेश शंकर विद्यार्थी की तरह अहिंसा के मार्ग पर चलकर बलिदान करने की बात करते थे | नाथूराम गोड़से को भय था गांधी जी की ये अहिंसा वाली नीति हिन्दुओं को कमजोर बना देगी और वो अपना अधिकार कभी प्राप्त नहीं कर पायेंगे |

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2.1919 को अमृतसर के जलियाँवाला बाग़ गोलीकांड के बाद से पुरे देश में ब्रिटिश हुकुमत के खिलाफ आक्रोश उफ़ान पे था | भारतीय जनता इस नरसंहार के खलनायक जनरल डायर पर अभियोग चलाने की मंशा लेकर गांधी जी के पास गयी लेकिन गांधी जी ने भारतवासियों के इस आग्रह को समर्थन देने से साफ़ मना कर दिया।

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3. महात्मा गांधी ने खिलाफ़त आन्दोलन का समर्थन करके भारतीय राजनीति में साम्प्रदायिकता का जहर घोल दिया | महात्मा गांधी खुद को मुसलमानों का हितैषी की तरह पेश करते थे वो केरल के मोपला मुसलमानों द्वारा वहाँ के 1500 हिन्दूओं को मारने और 2000 से अधिक हिन्दुओं को मुसलमान बनाये जाने की घटना का विरोध तक नहीं कर सके |

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4. कांग्रेस के त्रिपुरा अधिवेशन में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को बहुमत से काँग्रेस अध्यक्ष चुन लिया गया किन्तु गांधी जी ने अपने प्रिय सीतारमय्या का समर्थन कर रहे थे | गांधी जी ने सुभाष चन्द्र बोस से जोर जबरदस्ती करके इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर कर दिया |

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5. 23 मार्च 1931 को भगत सिंह,सुखदेव और राजगुरु को फांसी दे दी गयी | पूरा देश इन वीर बालकों की फांसी को टालने के लिए महात्मा गांधी से प्रार्थना कर रहा था लेकिन गांधी जी ने भगत सिंह की हिंसा को अनुचित ठहराते हुए देशवासियों की इस उचित माँग को अस्वीकार कर दिया।

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6. गांधी जी कश्मीर के हिन्दू राजा हरि सिंह से कहा कि कश्मीर मुस्लिम बहुल क्षेत्र है अत: वहां का शासक कोई मुसलमान होना चाहिए | अतएव राजा हरिसिंह को शासन छोड़ कर काशी जाकर प्रायश्चित करने | जबकि  हैदराबाद के निज़ाम के शासन का गांधी जी ने समर्थन किया था जबकि हैदराबाद हिन्दू बहुल क्षेत्र था | गांधी जी की नीतियाँ धर्म के साथ, बदलती रहती थी | उनकी मृत्यु के पश्चात सरदार पटेल ने सशक्त बलों के सहयोग से हैदराबाद को भारत में मिलाने का कार्य किया | गांधी जी के रहते ऐसा करना संभव नहीं होता |

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7. पाकिस्तान में हो रहे भीषण रक्तपात से किसी तरह से अपनी जान बचाकर भारत आने वाले विस्थापित हिन्दुओं ने दिल्ली की खाली मस्जिदों में जब अस्थाई शरण ली | मुसलमानों ने मस्जिद में रहने वाले हिन्दुओं का विरोध किया जिसके आगे गांधी नतमस्तक हो गये और गांधी ने उन विस्थापित हिन्दुओं को जिनमें वृद्ध, स्त्रियाँ व बालक अधिक थे मस्जिदों से खदेड़ बाहर ठिठुरते शीत में रात बिताने पर मजबूर किया गया।

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8. महात्मा गांधी ने दिल्ली स्थित मंदिर में अपनी प्रार्थना सभा के दौरान नमाज पढ़ी जिसका मंदिर के पुजारी से लेकर तमाम हिन्दुओं ने विरोध किया लेकिन गांधी जी ने इस विरोध को दरकिनार कर दिया | लेकिन महात्मा गांधी एक बार भी किसी मस्जिद में जाकर गीता का पाठ नहीं कर सके |

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9. लाहौर कांग्रेस में वल्लभभाई पटेल का बहुमत से विजय प्राप्त हुयी किन्तु गान्धी अपनी जिद के कारण यह पद जवाहरलाल नेहरु को दिया गया | गांधी जी अपनी मांग को मनवाने के लिए अनशन-धरना-रूठना किसी से बात न करने जैसी युक्तियों को अपनाकर अपना काम निकलवाने में माहिर थे | इसके लिए वो नीति-अनीति का लेशमात्र विचार भी नहीं करते थे |

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10. 14 जून 1947 को दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की बैठक में भारत विभाजन का प्रस्ताव अस्वीकृत होने वाला था, लेकिन गांधी जी ने वहाँ पहुँच कर प्रस्ताव का समर्थन करवाया। यह भी तब जबकि गांधी जी ने  स्वयं ही यह कहा था कि देश का विभाजन उनकी लाश पर होगा। न सिर्फ देश का विभाजन हुआ बल्कि लाखों निर्दोष लोगों का कत्लेआम भी हुआ लेकिन गांधी जी ने कुछ नहीं किया |

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11. धर्म-निरपेक्षता के नाम पर मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति के जन्मदाता महात्मा गाँधी ही थे | जब मुसलमानों ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाये जाने का विरोध किया तो महात्मा गांधी ने सहर्ष ही इसे स्वीकार कर लिया और हिंदी की जगह हिन्दुस्तानी (हिंदी + उर्दू की खिचड़ी) को बढ़ावा देने लगे | बादशाह राम और बेगम सीता जैसे शब्दों का चलन शुरू हुआ |

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12. कुछ एक मुसलमान द्वारा वंदेमातरम् गाने का विरोध करने पर महात्मा गांधी झुक गये और इस पावन गीत को भारत का राष्ट्र गान नहीं बनने दिया |

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13. गांधी जी ने अनेक अवसरों पर शिवाजी, महाराणा प्रताप व गुरू गोबिन्द सिंह को पथभ्रष्ट देशभक्त कहा। वही दूसरी ओर गांधी जी मोहम्मद अली जिन्ना को क़ायदे-आजम कहकर पुकारते थे |

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14. कांग्रेस ने 1931 में स्वतंत्र भारत के राष्ट्र ध्वज बनाने के लिए एक समिति का गठन किया था इस समिति ने सर्वसम्मति से चरखा अंकित भगवा वस्त्र को भारत का राष्ट्र ध्वज के डिजाइन को मान्यता दी किन्तु गांधी जी की जिद के कारण उसे तिरंगा कर दिया गया।

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15. जब सरदार वल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में सोमनाथ मन्दिर का सरकारी व्यय पर पुनर्निर्माण का प्रस्ताव पारित किया गया तब गांधी जी जो कि मन्त्रीमण्डल के सदस्य भी नहीं थे ने सोमनाथ मन्दिर पर सरकारी व्यय के प्रस्ताव को निरस्त करवाया और 13 जनवरी 1948 को आमरण अनशन के माध्यम से सरकार पर दिल्ली की मस्जिदों का सरकारी खर्चे से पुनर्निर्माण कराने के लिए दबाव डाला।

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16. भारत को स्वतंत्रता के बाद पाकिस्तान को एक समझौते के तहत 75 करोड़ रूपये देने थे भारत ने 20 करोड़ रूपये दे भी दिए थे लेकिन इसी बीच 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान ने कश्मीर पर आक्रमण कर दिया | केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल ने आक्रमण से क्षुब्ध होकर 55 करोड़ की राशि न देने का निर्णय लिया | जिसका महात्मा गांधी ने विरोध किया और आमरण अनशन शुरू कर दिया जिसके परिणामस्वरूप 55 करोड़ की राशि भारत ने पाकिस्तान दे दी ।
महात्मा गांधी भारत के नहीं अपितु पाकिस्तान के राष्ट्रपिता थे जो हर कदम पर पाकिस्तान के पक्ष में खड़े रहे, फिर चाहे पाकिस्तान की मांग जायज हो या नाजायज | गांधी जी ने कदाचित इसकी परवाह नहीं की |

उपरोक्त घटनाओं को देशविरोधी मानते हुए नाथूराम गोड़से ने महात्मा गांधी की हत्या को न्यायोचित ठहराने का प्रयास किया | नाथूराम ने न्यायालय में स्वीकार किया कि माहात्मा गांधी बहुत बड़े देशभक्त थे उन्होंने निस्वार्थ भाव से देश सेवा की | मैं उनका बहुत आदर करता हूँ लेकिन किसी भी देशभक्त को देश के टुकड़े करने के ,एक समप्रदाय के साथ पक्षपात करने की अनुमति नहीं दे सकता हूँ | गांधी जी की हत्या के सिवा मेरे पास कोई दूसरा उपाय नहीं था |

नाथूराम गोड़से जी ......
द्वारा अदालत में दिए बयान के मुख्य अंश.....

मेने गांधी को नहीं मारा
मेने गांधी का वध किया हे
गांधी वध

वो मेरे दुश्मन नहीं थे परन्तु उनके निर्णय राष्ट्र के लिए घातक साबित हो रहे थे

जब व्यक्ति के पास कोई रास्ता न बचे तब वह मज़बूरी में सही कार्य के लिए गलत रास्ता अपनाता हे

मुस्लिम लीग और पाकिस्तान निर्माण की गलत निति के प्रति गांधीजी की सकारात्मक प्रतिक्रिया ने ही मुझे मजबूर किया

पाकिस्तान को 55 करोड़ का भुकतान करने की गैरवाजिब मांग को लेकर गांधी जी अनशन पर बेठे

बटवारे में पाकिस्तान से आ रहे हिन्दुओ की आपबीती और दूरदशा ने मुझे हिला के रख दिया था

अखंड हिन्दू राष्ट्र गांधी जी के कारण मुस्लिम लीग के आगे घुटने  टेक रहा था

बेटो के सामने माँ का खंडित होकर टुकड़ो में बटना
विभाजित होना असहनीय था

अपनी ही धरती पर हम परदेशी बन गए थे

मुस्लिम लीग की सारी गलत मांगो को गांधी जी मानते जा रहे थे

मेने ये निर्णय किया के भारत माँ को अब और विखंडित और दयनीय स्थिति में नहीं होने देना हे तो मुझे गांधी को मारना ही होगा

और मेने इसलिए गांधी को मारा.....

मुझे पता हे इसके लिए मुझे फ़ासी होगी
में इसके लिए भी तैयार हु

और हा यदि मातृभूमि की रक्षा करना अपराध हे तो में यह अपराध बार बार करूँगा
हर बार करूँगा

और जब तक सिन्ध नदी पुनः अखंड हिन्द में न बहने लगे तब तक मेरी अस्थियो का विसर्जन नहीं करना

मुझे फ़ासी देते वक्त मेरे एक हाथ में केसरिया  ध्वज
और दूसरे हाथ में अखंड भारत का नक्शा हो

में फ़ासी चढ़ते वक्त अखंड भारत की जय जय बोलना चाहूँगा

हे भारत माँ
मुझे दुःख हे में तेरी इतनी ही सेवा कर पाया....

नाथूराम गोडसे

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जय माँ भारती

पाँच सवाल ईनाम पाँच लाख

कैसे हिन्दी हैं हम ?

कुछ जरूरी बातें

एक गोत्र में शादी क्यूँ नहीं....
वैज्ञानिक कारण हैं..

एक दिन डिस्कवरी पर जेनेटिक
बीमारियों से सम्बन्धित एक ज्ञानवर्धक कार्यक्रम
देख रहा था ... उस प्रोग्राम में एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने कहा की जेनेटिक बीमारी न हो इसका एक ही इलाज है और वो है "सेपरेशन ऑफ़
जींस".. मतलब अपने नजदीकी रिश्तेदारो में विवाह नही करना चाहिए ..क्योकि नजदीकी
रिश्तेदारों में जींस सेपरेट (विभाजन) नही हो पाता और जींस लिंकेज्ड
बीमारियाँ जैसे हिमोफिलिया, कलर ब्लाईंडनेस, और
एल्बोनिज्म होने की १००% चांस होती है ..
फिर मुझे
बहुत ख़ुशी हुई जब उसी कार्यक्रम में ये
दिखाया गया की आखिर हिन्दूधर्म में
हजारों सालों पहले जींस और डीएनए के बारे में
कैसे
लिखा गया है ? हिंदुत्व में कुल सात गोत्र होते
है
और एक गोत्र के लोग आपस में शादी नही कर
सकते
ताकि जींस सेपरेट (विभाजित) रहे.. उस वैज्ञानिक ने
कहा की आज पूरे विश्व
को मानना पड़ेगा की हिन्दूधर्म ही विश्व का
एकमात्र
ऐसा धर्म है जो "विज्ञान पर आधारित" है !
हिंदू परम्पराओं से जुड़े ये वैज्ञानिक तर्क:

1- कान छिदवाने की परम्परा:

भारत में लगभग सभी धर्मों में कान छिदवाने की परम्परा है।
वैज्ञानिक तर्क-
दर्शनशास्त्री मानते हैं कि इससे सोचने की शक्त‍ि बढ़ती है। जबकि डॉक्टरों का मानना है कि इससे बोली अच्छी होती है और कानों से होकर दिमाग तक जाने वाली नस का रक्त संचार नियंत्रित रहता है।

2-: माथे पर कुमकुम/तिलक

महिलाएं एवं पुरुष माथे पर कुमकुम या तिलक लगाते हैं। 
वैज्ञानिक तर्क- आंखों के बीच में माथे तक एक नस जाती है। कुमकुम या तिलक लगाने से उस जगह की ऊर्जा बनी रहती है। माथे पर तिलक लगाते वक्त जब अंगूठे या उंगली से प्रेशर पड़ता है, तब चेहरे की त्वचा को रक्त सप्लाई करने वाली मांसपेशी सक्रिय हो जाती है। इससे चेहरे की कोश‍िकाओं तक अच्छी तरह रक्त पहुंचता

3- : जमीन पर बैठकर भोजन

भारतीय संस्कृति के अनुसार जमीन पर बैठकर भोजन करना अच्छी बात होती है। 
वैज्ञानिक तर्क- पलती मारकर बैठना एक प्रकार का योग आसन है। इस पोजीशन में बैठने से मस्त‍िष्क शांत रहता है और भोजन करते वक्त अगर दिमाग शांत हो तो पाचन क्रिया अच्छी रहती है। इस पोजीशन में बैठते ही खुद-ब-खुद दिमाग से एक सिगनल पेट तक जाता है, कि वह भोजन के लिये तैयार हो जाये।

4- : हाथ जोड़कर नमस्ते करना

जब किसी से मिलते हैं तो हाथ जोड़कर नमस्ते अथवा नमस्कार करते हैं।
वैज्ञानिक तर्क- जब सभी उंगलियों के शीर्ष एक दूसरे के संपर्क में आते हैं और उन पर दबाव पड़ता है। एक्यूप्रेशर के कारण उसका सीधा असर हमारी आंखों, कानों और दिमाग पर होता है, ताकि सामने वाले व्यक्त‍ि को हम लंबे समय तक याद रख सकें। दूसरा तर्क यह कि हाथ मिलाने (पश्च‍िमी सभ्यता) के बजाये अगर आप नमस्ते करते हैं तो सामने वाले के शरीर के कीटाणु आप तक नहीं पहुंच सकते। अगर सामने वाले को स्वाइन फ्लू भी है तो भी वह वायरस आप तक नहीं पहुंचेगा।

5-: भोजन की शुरुआत तीखे से और अंत मीठे से

जब भी कोई धार्मिक या पारिवारिक अनुष्ठान होता है तो भोजन की शुरुआत तीखे से और अंत मीठे से होता है। 
वैज्ञानिक तर्क- तीखा खाने से हमारे पेट के अंदर पाचन तत्व एवं अम्ल सक्रिय हो जाते हैं। इससे पाचन तंत्र ठीक तरह से संचालित होता है। अंत में मीठा खाने से अम्ल की तीव्रता कम हो जाती है। इससे पेट में जलन नहीं होती है।

6-: पीपल की पूजा
तमाम लोग सोचते हैं कि पीपल की पूजा करने से भूत-प्रेत दूर भागते हैं। 
वैज्ञानिक तर्क- इसकी पूजा इसलिये की जाती है, ताकि इस पेड़ के प्रति लोगों का सम्मान बढ़े और उसे काटें नहीं। पीपल एक मात्र ऐसा पेड़ है, जो रात में भी ऑक्सीजन प्रवाहित करता ह

7-: दक्ष‍िण की तरफ सिर करके सोना

दक्ष‍िण की तरफ कोई पैर करके सोता है, तो लोग कहते हैं कि बुरे सपने आयेंगे, भूत प्रेत का साया आ जायेगा, आदि। इसलिये उत्तर की ओर पैर करके सोयें। 
वैज्ञानिक तर्क- जब हम उत्तर की ओर सिर करके सोते हैं, तब हमारा शरीर पृथ्वी की चुंबकीय तरंगों की सीध में आ जाता है। शरीर में मौजूद आयरन यानी लोहा दिमाग की ओर संचारित होने लगता है। इससे अलजाइमर, परकिंसन, या दिमाग संबंधी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। यही नहीं रक्तचाप भी बढ़ जाता है।

8-सूर्य नमस्कार
हिंदुओं में सुबह उठकर सूर्य को जल चढ़ाते हुए नमस्कार करने की परम्परा है। 
वैज्ञानिक तर्क- पानी के बीच से आने वाली सूर्य की किरणें जब आंखों में पहुंचती हैं, तब हमारी आंखों की रौशनी अच्छी होती है।

9-सिर पर चोटी

हिंदू धर्म में ऋषि मुनी सिर पर चुटिया रखते थे। आज भी लोग रखते हैं। 
वैज्ञानिक तर्क- जिस जगह पर चुटिया रखी जाती है उस जगह पर दिमाग की सारी नसें आकर मिलती हैं। इससे दिमाग स्थ‍िर रहता है और इंसान को क्रोध नहीं आता, सोचने की क्षमता बढ़ती है।

10-व्रत रखना

कोई भी पूजा-पाठ या त्योहार होता है, तो लोग व्रत रखते हैं।
वैज्ञानिक तर्क- आयुर्वेद के अनुसार व्रत करने से पाचन क्रिया अच्छी होती है और फलाहार लेने से शरीर का डीटॉक्सीफिकेशन होता है, यानी उसमें से खराब तत्व बाहर निकलते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार व्रत करने से कैंसर का खतरा कम होता है। हृदय संबंधी रोगों, मधुमेह, आदि रोग भी जल्दी नहीं लगते।

11-चरण स्पर्श करना

हिंदू मान्यता के अनुसार जब भी आप किसी बड़े से मिलें, तो उसके चरण स्पर्श करें। यह हम बच्चों को भी सिखाते हैं, ताकि वे बड़ों का आदर करें। 
वैज्ञानिक तर्क- मस्त‍िष्क से निकलने वाली ऊर्जा हाथों और सामने वाले पैरों से होते हुए एक चक्र पूरा करती है। इसे कॉसमिक एनर्जी का प्रवाह कहते हैं। इसमें दो प्रकार से ऊर्जा का प्रवाह होता है, या तो बड़े के पैरों से होते हुए छोटे के हाथों तक या फिर छोटे के हाथों से बड़ों के पैरों तक।

12-क्यों लगाया जाता है सिंदूर

शादीशुदा हिंदू महिलाएं सिंदूर लगाती हैं। 
वैज्ञानिक तर्क- सिंदूर में हल्दी, चूना और मरकरी होता है। यह मिश्रण शरीर के रक्तचाप को नियंत्रित करता है। चूंकि इससे यौन उत्तेजनाएं भी बढ़ती हैं, इसीलिये विधवा औरतों के लिये सिंदूर लगाना वर्जित है। इससे स्ट्रेस कम होता है।

13- तुलसी के पेड़ की पूजा
तुलसी की पूजा करने से घर में समृद्ध‍ि आती है। सुख शांति बनी रहती है। 
वैज्ञानिक तर्क- तुलसी इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। लिहाजा अगर घर में पेड़ होगा, तो इसकी पत्त‍ियों का इस्तेमाल भी होगा और उससे बीमारियां दूर होती हैं।

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स्किन बैंक

भिलाई :::
छत्तीसगढ़ के भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर-9 अस्पताल में प्रदेश का पहला स्किन बैंक शुरू कर दिया गया है। स्किन बैंक में जले हुए लोगों को जल्द से जल्द स्वस्थ करने के लिए मृत लोगों का स्किन निकालकर रखा जाएगा। यहां लोग अपनी स्वेच्छा से अपना शरीर दान कर सकेंगे।

प्रदेश का सबसे बड़ा और एकमात्र स्किन बैंक तैयार करने में संयंत्र प्रबंधन ने डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस बैंक में स्किन देने और लेने की सारी प्रक्रिया नि:शुल्क होगी। स्किन बैंक से गंभीर रूप से जले लोगों को नवजीवन मिलेगा। बीएसपी के सीईओ एस चंद्रसेकरन का कहना है कि भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर-9 अस्पताल में स्किन बैंक बनने से हर वर्ग के लोगों को इसका लाभ मिलेगा।

बर्न वार्ड के सीनियर डिप्टी डायरेक्टर डॉ उदय कुमार ने बताया कि संयंत्र प्रबंधन ने सेक्टर-9 अस्पताल के बर्न वार्ड को अपग्रेड कर दिया है। यहीं पर स्किन बैंक भी शुरू किया गया है, जो प्रदेश का पहला स्किन बैंक होगा। किसी भी महिला, पुरुष और बच्चे की मौत होने के छह घंटे के अंदर शव से स्किन निकाला जाएगा, जिसे स्किन बैंक में रखा जाएगा। इस स्किन को 4 डिग्री तापमान में 85 प्रतिशत ग्लीसराल के घोल में 5 वर्षों तक रखा जा सकेगा। इस दौरान जरूरत पड़ने पर इसका उपयोग किया जा सकेगा।

किसी भी शव के दोनों पैर, जांघों और पीठ से स्किन निकाला जाएगा। स्किन डोनेट करने के लिए एक आवेदन देना होगा। इस आवेदन के आधार पर डॉक्टरों की टीम जाएगी, जो एक घंटे के भीतर घर, अस्पताल, मॉर्च्यूरी में पहुंचकर संपूर्ण प्रक्रिया को आधे घंटे में पूरा कर लेगी। स्किन बैंक के लिए स्किन की 8 परत में से सिर्फ ऊपर की परत निकाली जाएगी। इसे निकाले जाने से खून नहीं बहता। इस प्रक्रिया में शारीरिक विकृति भी नहीं होती।

कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को स्किन डोनेट कर सकता है। इसके लिए ब्लड व किडनी डोनेशन की तरह मैचिंग करना नहीं पड़ता है। किसी भी व्यक्ति का स्किन निकालकर छह घंटे के अंदर उसे स्किन बैंक में रखने की अनिवार्यता होगी। सबसे अलग बात यह है कि गंभीर रूप से जले हुए लोगों को जिनके बचने की उम्मीद लगभग नहीं रहती है, उन्हें स्किन बैंक के सहारे नवजीवन मिलेगा। 60 से 70 प्रतिशत तक जले लोगों की जान भी उन्हें स्किन बैंक से स्किन उपलब्ध कराकर बचाई जा सकेगी।

भारत में सिर्फ तीन शहरों में स्किन बैंक

सेक्टर-9 अस्पताल के स्किन बैंक का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है, क्योंकि पूरे भारत में सिर्फ तीन शहरों मुंबई, दिल्ली और कोच्चि में ही स्किन बैंक हैं। किसी भी व्यक्ति को स्किन बैंक सुविधा लेने के लिए उपरोक्त शहरों में जाना पड़ता था। अब सेक्टर-9 अस्पताल में ही स्किन बैंक की सुविधा शुरू होने से भिलाई देश का चौथा ऐसा शहर बन गया है, जहां यह सुविधा है।

Friday, September 25, 2015

ट्रैन मे एक सरदार का  50 रुपया गुम हो गया .

तभी एक मुसलमान बोला : या अल्लाह  बिसमिला....

सरदार : साले ,तूझे बिसमिला, तो बाकि  30 किसको मिला ?.....

भारत में एक मात्र मंदिर जहाँ श्री गणेश परिवार सहित विराजित हैं

भारत में एक मात्र मंदिर जहाँ श्री गणेश परिवार सहित विराजित हैं...
गणपति जी एवं पांच पत्नियां (ऋद्धि ,सिद्धि,तुष्टि,पुष्टि,श्री)
2 पुत्र(लाभ,शुभ) एवं 2 पोते (आमोद,प्रमोद) |
यह मंदिर श्री श्री विद्या धाम इंदौर
में स्थित हैं..

शुभ विचार

विष्णु जी को बच्चे का ख़त

विष्णु जी को ख़त
एक बच्चे को साइकिल चाहिए थी . उसके मा बाप ने मना कर दिया तो वो उदास हो गया . फिर उसके दीमाग में एक ख्याल आया की क्यू नहीं वो भगवान् से साइकिल के पैसे मांग ले .
उसने एक लैटर लिखा और डाक खाने के डब्बे मैं दाल दिया .
"क्षीर सागर
वैकुण्ठ धाम
विष्णु जी को मेरा प्रणाम !
यु तो आपका दिया सबकुछ है
बस एक साइकिल की कमी है !!
अगर आप ५००० हज़ार भिजवा दे तो भक्त पर बड़ी कृपा होगी
आपका - बंटी "
जब डाक विभाग वालो को ये पत्र मिला तो उनको बहुत दुःख हुआ. सबने चंदा इकठ्ठा किया और चार हज़ार रूपये जमा कर उस लड़के को मनी आर्डर भिजवा दिया .
मनी आर्डर पाकर लड़का बहुत खुश हुआ .
एक हफ्ते बाद उसने फिर से एक पत्र लिखा - विष्णु जी के नाम .
"क्षीर सागर
वैकुण्ठ धाम
विष्णु जी को मेरा प्रणाम !
भगवन ! आपके भेजे हुए पैसे मिल गए , बहुत धन्यवाद्.
वैसे आपने तो पुरे पांच हज़ार भेजे होंगे , पर बेडा गर्क हो इन डाक विभाग वालों का . सालों ने हज़ार रूपये डकार लिए .
आपका - बंटी !

शोले के गब्बर का चरित्र चित्रण

-प्रश्न: शोले के गब्बर का चरित्र चित्रण कीजिये?

10वीं कक्षा के छात्र द्वारा दिया गया उत्तर:

1. सादा जीवन, उच्च विचार:

गब्बर के जीने का ढंग बड़ा सरल था। पुराने और मैले कपड़े, बढ़ी हुई दाढ़ी, महीनों से जंग खाते दांत और पहाड़ों पर खानाबदोश जीवन। जैसे मध्यकालीन भारत का फकीर हो। जीवन में अपने लक्ष्य की ओर इतना समर्पित कि ऐश-ओ-आराम और विलासता के लिए एक पल की भी फुर्सत नहीं और विचारों में उत्कृष्टता के क्या कहने। 'जो डर गया, सो मर गया' जैसे संवादों से उसने जीवन की क्षणभंगुरता पर प्रकाश डाला था।

2. दयालु प्रवृत्ति:

ठाकुर ने उसे अपने हाथों से पकड़ा था। इसलिए उसने ठाकुर के सिर्फ हाथों को सज़ा दी अगर वो चाहता तो गर्दन भी काट सकता था पर उसके ममतापूर्ण और करुणामय ह्रदय ने उसे ऐसा करने से रोक दिया।

3. नृत्य-संगीत का शौकीन:

'महबूबा ओ महबूबा' गीत के समय उसके कलाकार ह्रदय का परिचय मिलता है। अन्य डाकुओं की तरह उसका ह्रदय शुष्क नहीं था। वह जीवन में नृत्य-संगीत एवं कला के महत्त्व को समझता था। बसन्ती को पकड़ने के बाद उसके मन का नृत्यप्रेमी फिर से जाग उठा था। उसने बसन्ती के अन्दर छुपी नर्तकी को एक पल में पहचान लिया था।गौरतलब है कि कला के प्रति अपने प्रेम को अभिव्यक्त करने का वह कोई अवसर नहीं छोड़ता था।

4. अनुशासनप्रिय:

जब कालिया और उसके दोस्त अपने प्रोजेक्ट से नाकाम होकर लौटे तो उसने कतई ढीलाई नहीं बरती। अनुशासन के प्रति अपने अगाध समर्पण को दर्शाते हुए उसने उन्हें तुरंत सज़ा दी।

5. हास्य-रस का प्रेमी:

उसमें गज़ब का सेन्स ऑफ ह्यूमर था। कालिया और उसके दो दोस्तों को मारने से पहले उसने उन तीनों को खूब हंसाया था ताकि वो हंसते-हंसते दुनिया को अलविदा कह सकें। वह आधुनिक युग का 'लाफिंग बुद्धा' था।

6. नारी के प्रति सम्मान:

बसन्ती जैसी सुन्दर नारी का अपहरण करने के बाद उसने उससे एक नृत्य का निवेदन किया।

Wednesday, September 23, 2015

Group Admin को मारा चाकू

Solid proof that it was the Indians who first invented the laptop in 1952 with Internet, video chat and WiFi

Solid proof that it was the Indians who first invented
the laptop in 1952 with Internet,  video chat and WiFi

Important

बिच्छू के काटे का ईलाज

सफलता के 20 मँत्र

सफलता के 20  मँत्र " 👏
👏1.खुद की कमाई  से कम
          खर्च हो ऐसी जिन्दगी
          बनाओ..!
👏2. दिन  मेँ कम  से कम
           3 लोगो की प्रशंसा करो..!
👏3. खुद की भुल स्वीकारने
           मेँ कभी भी संकोच मत
           करो..!
👏4. किसी  के सपनो पर  हँसो
           मत..!
👏5. आपके पीछे खडे व्यक्ति
           को भी कभी कभी आगे
           जाने का मौका दो..!
👏6. रोज हो सके तो सुरज को
           उगता हुए देखे..!
👏7. खुब जरुरी हो तभी कोई
          चीज उधार लो..!
👏8. किसी के पास  से  कुछ
           जानना हो तो विवेक  से
           दो बार...पुछो..!
👏9. कर्ज और शत्रु को कभी
           बडा मत होने दो..!
👏10. ईश्वर पर पुरा भरोसा
             रखो..!
👏11. प्रार्थना करना कभी
             मत भुलो,प्रार्थना मेँ
             अपार शक्ति होती है..!
👏12. अपने काम  से मतलब
             रखो..!
👏13. समय सबसे ज्यादा
             कीमती है, इसको फालतु
             कामो  मेँ खर्च मत करो..
👏14. जो आपके पास है, उसी
             मेँ खुश रहना सिखो..!
👏15. बुराई कभी भी किसी कि
             भी मत करो,
             क्योकिँ  बुराई नाव  मेँ
             छेद समान  है,बुराई
             छोटी हो बडी नाव तो
             डुबो ही देती  है..!
👏16. हमेशा सकारात्मक सोच
             रखो..!
👏17. हर व्यक्ति एक हुनर
             लेकर  पैदा होता है बस
             उस हुनर को दुनिया के
             सामने लाओ..!
👏18. कोई काम छोटा नही
             होता हर काम बडा होता
             है जैसे कि सोचो जो
             काम आप कर रहे हो
             अगर वह काम
             आप नही करते हो तो
             दुनिया पर क्या असर
             होता..?
👏19. सफलता उनको ही
             मिलती  है जो कुछ
             करते  है
👏20. कुछ पाने के लिए कुछ
             खोना नही बल्कि  कुछ
             करना पडता है

पेड बूढा ही सही,
आंगन में रहनेदो,
फल न सही, छाव तो अवश्य देगा
ठीक उसी प्रकार
माता-पिता बूढे ही सही,
घर में ही रहने दो,

दोलत तो नहीं कमा सकते,
लेकीन आपके बच्चों को संस्कार अवश्य देगे ।।
👏 👏