Thursday, June 11, 2015

"गाँधी तुम चाहते तो लालकिले
      पर भगवा फहरा सकते थे,
तुम चाहते तो तिब्बत पर भी
           झंडा लहरा सकते थे।
तुम चाहते तो जिन्ना को
      चरणों में झुकवा सकते थे,
तुम चाहते तो भारत का
      बंटवारा रुकवा सकते थे.!
"तुम चाहते तो अंग्रेजों का
       मस्तक झुकवा सकते थे,
तुम चाहते तो भगतसिंह की
        फाँसी रुकवा सकते थे।
इंतजार ना होता इतना
     तभी भाग्य खिलना तय था,
सैंतालिस में ही भारत माँ को
        पटेल मिलना तय था.!".
"लेकिन तुम तो अहंकार के
         घोर नशे में झूल गए,
गांधीनीति याद रही पर
       भारत माता भूल गए।
सावरकर से वीरों पर भी
       अपना नियम जता डाला,
गुरु गोविन्द सिंह और प्रताप
      को भटका हुआ बता डाला,
"भारत के बेटों पर अपने
      नियम थोप कर चले गए,
बोस पटेलों की पीठो में
       छुरा घोप कर चले गए।
तुमने पाक बनाया था वो
       अब तक कफ़न तौलता है,
बापू तुमको बापू कहने
       तक में खून खौलता है.!".
"साबरमती के वासी सोमनाथ
         में गजनी आया था,
जितना पानी नहीं बहा
       उतना तो खून बहाया था।
सारी धरती लाल पड़ी थी
         इतना हुआ अँधेरा था,
चीख चीख कर बोलूंगा मैं,
        गजनी एक लूटेरा था.!".
"सबक यहीं से ले लेते तो
          घोर घटाए ना छाती,
भगतसिंह फाँसी पर लटके
         ऐसी नौबत ना आती।
अंग्रेजो से लोहा लेकर
         लड़ना हमें सीखा देते,
कसम राम की बिस्मिल
      उनकी ईंट से ईंट बजा देते.
"अगर भेड़िया झपटे तो
        तलवार उठानी पड़ती है,
उसका गला काटकर अपनी
         जान बचानी पड़ती है।
छोड़ अहिंसा कभी-कभी
        हिंसा को लाना पड़ता है,
त्याग के बंसी श्री कृष्ण को
        चक्र उठाना पड़ता है.!

🙏वन्दे_मातरम🙏

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